लेखनी - अन्तरिक्ष की शक्ति या अंतरिक्ष सी शक्ति।।
अंतरिक्ष की शक्ति या अंतरिक्ष सी शक्ति
अंतरिक्ष में बहती हुई ऊर्जा का,
मात्र एक कण हूं मैं
परंतु, मुझमें में समाई है
अंतरिक्ष में बहती अनंत ऊर्जा,
हूं बेशक एक जीव मैं,
परंतु जब ठान लेता हूं,
तो नाप लेता हूं,
असीम आकाश और,
सागर से गहरा पाताल,
कहते हैं, ऊर्जा खत्म नहीं होती कभी,
विचरती रहती है, इस ब्रह्माण्ड में,
ना जन्मती, ना ही मरती,
बदलती रहती है अपना रूप ये,
कुछ ऐसा ही होता है,
मुझ जीव के साथ भी,
मैं अनंत से चलता आया हूं,
अनंत तक चलता रहूंगा,
नही खत्म होगी,
मेरे अंदर की ऊर्जा कभी।।
प्रियंका वर्मा
15/10/22
Suryansh
21-Oct-2022 07:01 AM
लाजवाब लाजवाब
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Sachin dev
17-Oct-2022 04:41 PM
Nice 👌🏻
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Reena yadav
16-Oct-2022 03:42 PM
👍👍🌺
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